छत्तीसगढ़

मत्स्य विभाग के अधूरे एवं निर्माणधीन तालाब में चल रही है अवैध मछली पालन 

परलकोट समाचार / पखांजूर - पियूष मंडल

 

परलकोट क्षेत्र जहा मछली एवं मछली बीज के नाम से प्रसिद्ध है। क्षेत्र की मछली बीज की मांग को देखते हुए प्रदेश सरकार ने मत्स्य विभाग को बड़े स्तर पर मछली बीज उत्पादन एवं मछली बीज उत्पादन की प्रशिक्षण देने के लिए कृषि प्रक्षेत्र पखांजुर पी व्ही 32 में मत्स्य महासंघ द्वारा मत्स्य बीज प्रक्षेत्र की निर्माण 2018 -19 किया जा रहा था। जिसमें 1 साल तक काम चलने के बाद अब 3 साल तक काम बंद पड़ा हुआ है। जिसमें कुछ अधूरे तालाब बने हुए हैं।
सूत्रों ने बताया कि मत्स्य महासंघ द्वारा जो तालाब एवं हैचरी का निर्माण किया जा रहा था वह बंद परा होने के कारण इसका फायदा उठाते हुए कृषि विभाग के दो ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के मार्गदर्शन से इस तालाब में अवैध रूप से मछली पालन एवं बीज उत्पादन किया जा रहा है। इसकी जानकारी मत्स्य महासंघ के उच्च अधिकारी को नहीं है।
इस संबंध में मत्स्य महासंघ के कार्यपालन अभियंता प्रमोद भारती ने कहां है कि तालाब का निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है वर्तमान में काम बंद है अति शीघ्र काम शुरू होगी तालाब में किसने मछली पालन किया है इसकी जानकारी हमें नहीं है अगर ऐसा हो रहा है तो शीघ्र कार्रवाई होगी।
सूत्र के कथित अनुसार अगर मत्स्य विभाग की तालाब में कृषि विभाग के दो ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के मार्गदर्शन से इतने बड़े तादात पर मछली बीज उत्पादन किया जा रहा है यहां मत्स्य विभाग की बरी लापरवाही एवं सांठगांठ होने की बड़ी आशंका दिख रही है।
गौरतलब की बात यह है कि इतनी बड़ी संख्या में अगर मछली बीज उत्पादन किया जा रहा है तो उनको संरक्षण एवं देखरेख के लिए बिजली की भी जरूरत पड़ती है जो 24 घंटे मोटर चालू रहना होता है जो बिजली की खपत काफी तादाद पर होती है जिस खंभ से बिजली की उपयोग किया जा रहा है और ना ही कोई मीटर लगा हुआ है।

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