छत्तीसगढ़

सौर सुजला योजना ने बदली किसानों की जिंदगी मक्का की खेती से लगभग ढाई लाख रुपये की आमदनी

कोयलीबेड़ा के परलकोट क्षेत्र में किसानों की दशा और दिशा बदलने में सौर सुजला योजना अहम भूमिका निभा रहा है।

जिला – उत्तर बस्तर कांकेर
जिले के अधिकांश क्षेत्र सुदूर पहुंचविहीन एवं अतिसंवेदनशील क्षेत्र है, इन क्षेत्रों में विद्युत आसानी से पहुंच पाना संभव नहीं है।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए सौर सुजला योजना प्रारंभ की गयी है। यह योजना राज्य शासन की महत्वाकांक्षी और प्राथमिकता वाली योजना है। जिले के विकासखण्ड कोयलीबेड़ा में सैकड़ों किसान अपने खेतों में सोलर पंप लगाकर खेतों की सिंचाई कर रहे हैं। सौर ऊर्जा से मोटर पंप चलने से किसानों को विद्युत विभाग के चक्कर लगाने तथा लो-वोल्टेज की समस्या से राहत मिल रहा है। साथ ही बार-बार बिजली गुल होने जैसी समस्या तथा बिजली बिलों से छुटकारा मिल रहा है। ऐसे ही अनेकों गांव तथा खेत खलिहान में सोलर पंप लगाने में प्राथमिकता दी जा रही है, जहां बिजली पोल पहुंच पाना संभव नहीं है।
नक्सल प्रभावित विकासखण्ड कोयलीबेड़ा के सुदूर वनांचल क्षेत्रों के किसानों के लिए सौर सुजला योजना वरदान साबित हो रही है।
जिला मुख्यालय से लगभग 150 किलोमीटर दूर विकासखण्ड कोयलीबेड़ा क्षेत्र के ग्राम गौरीशंकर नगर निवासी प्रभाश दत्ता ने बताया कि वह अपने खेत में 05 हार्स पावर का सोलर पंप स्थापित किया है। सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होने से वह अपने खेतों में मक्का की खेती कर रहा है, मक्का की खेती से लगभग 02 लाख 50 हजार रूपये की आमदनी हुई है। कोयलीबेड़ा के परलकोट क्षेत्र में किसानों की दशा और दिशा बदलने में सौर सुजला योजना अहम भूमिका निभा रहा है। योजना का संचालन छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) द्वारा किया जा रहा है।

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